नितिन गडकरी एथेनॉल पेट्रोल विवाद: कांग्रेस पर आरोप
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने पैसे की कमी का आरोप खारिज किया और आलोचकों को जवाब दिया।
मुख्य बिंदु:
– गडकरी का दावा: “मेरा दिमाग ₹200 करोड़ प्रतिमाह का है, मुझे पैसों की कमी नहीं।”
– एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को स्वच्छ ईंधन के रूप में प्रचारित किया गया है।
– आलोचकों का आरोप है कि इससे पानी की कमी और वाहनों को नुकसान होगा।
– गडकरी ने अपने बेटों के व्यवसायों का बचाव किया और धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज किया।
– ईंधन के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए एथेनॉल के लाभों का उल्लेख किया गया।
गडकरी का जवाब
नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की आलोचनाओं का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मेरा दिमाग ₹200 करोड़ प्रति माह का है। मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं है। मुझे पता है कि पैसे कहां से ईमानदारी से कमाना है।”
एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का प्रचार
गडकरी की यह टिप्पणी तब आई जब केंद्र सरकार ने एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल (E20) के प्रचार की आलोचना का सामना किया। सरकार का दावा है कि 20% एथेनॉल वाला पेट्रोल एक स्वच्छ ईंधन है और इससे किसानों को उनके गन्ना और मक्का जैसी फसलों के लिए बेहतर दाम मिल रहे हैं।
आलोचनाओं का सामना
हालांकि, आलोचकों का कहना है कि इस स्कीम के कारण पानी की कमी होगी और गाड़ियों को नुकसान होगा। गडकरी पर आरोप लगाया गया है कि उनके बेटे दो बड़ी एथेनॉल कंपनियों के मालिक हैं और उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचा जा रहा है।
गडकरी ने स्पष्ट किया, “मैं अपने बेटों को विचार देता हूं, लेकिन मैं धोखाधड़ी का सहारा नहीं लेता।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
हाल के हफ्तों में, एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की अनिवार्य बिक्री को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर आलोचना की। वाहन मालिकों का दावा है कि यह ईंधन माइलेज कम करता है और पुराने वाहनों को नुकसान पहुँचाता है।
मंत्रालय का स्पष्टीकरण
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस विषय पर कहा कि ईंधन से गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं होता। मंत्रालय ने यह भी बताया कि ईंधन के लंबे टेस्ट में पावर, टॉर्क और माइलेज में कोई खास फर्क नहीं पड़ा।
एथेनॉल के फायदे
एथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर इको-फ्रेंडली फ्यूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल के मिश्रण से पेट्रोल के उपयोग से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है और यह किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मददगार है।
निष्कर्ष
गडकरी ने एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के फायदों का समर्थन किया और आलोचनाओं का सामना किया। उनका यह बयान इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म देता है, जिसमें पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और कृषि के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
